2 मात्रक मापन तथा त्रुटि विश्लेषण | नोट्स | Kumar Mittal Physics class 11th chapter 2 notes in Hindi

2 मात्रक मापन तथा त्रुटि विश्लेषण (Units, Measurement and Error Analysis)| नोट्स | Kumar Mittal Physics class 11th chapter 2 notes in Hindi

भौतिक राशियां 

वे सभी राशियां जिनका जिनका सम्बंध किसी भौतिकीय घटना से हो, जो एक संख्या द्वारा व्यक्त की जा सकें तथा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मापी जा सकें, भौतिक राशियां कहलाती हैं। 

अर्थात वे सभी राशियां, जिन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मापा जा सकता है और जिनके सम्बंध में भौतिकी के नियमों को व्यक्त किया जा सके, भौतिक राशियां कहलाती हैं। 

जैसे - लम्बाई, द्रव्यमान, ताप, चाल, बल, समय, 

भौतिक राशियां दो प्रकार — 

भौतिक राशियां दो प्रकार की होती हैं।

(1) मूल राशियां (2) व्युत्पन्न राशियां 

(1) मूल राशियां (Fundamental Quantities) -

वे भौतिक राशियां जो स्वयं में पूर्णतः स्वतंत्र होती और जो दूसरी राशियों से संबंधित नहीं होती हैं तथा जिन्हें एक - दूसरे के पदों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, मूल राशियां कहलाती हैं। 

जैसे - लम्बाई, द्रव्यमान, समय आदि।

Note - भौतिकी के अध्ययन के लिए SI प्रणाली में कुल 7 मूल राशियां तथा 2 पूरक राशियां होती हैं।

(1) लम्बाई मीटर 

(2) द्रव्यमान किलोग्राम 

(3) समय सेकेंड 

(4) वैधुत धारा एम्पियर 

(5) ऊष्मागतिक ताप केल्विन 

(6) ज्योति तीव्रता केंडिला 

(7) पदार्थ की मात्रा मोल 


(i) कोण रेडियन 

(ii) घनकोण स्टेरेडियन


(2) व्युत्पन्न राशियां (Derived Quantities) - 

वे भौतिक राशियां जो स्वयं में स्वतंत्र नहीं होती और जो दूसरी राशियों से संबंधित होती हैं तथा जिन्हें एक - दूसरे के पदों में व्यक्त किया जा सकता है, व्युत्पन्न राशियां कहलाती हैं। 

अर्थात 

ऐसी सभी राशियां जिनको मूल राशियों की सहायता से प्राप्त किया जा सके अथवा जिनको मूल राशियों के पदों में व्यक्त किया जा सके, व्युत्पन्न राशियां कहलाती हैं। 

जैसे - वेग , त्वरण, बल, गति आदि।

मात्रक तथा मापन

किसी भौतिक राशि के मापन हेतु उसी भौतिक राशि के नियत परिमाण के मानक को मात्रक कहते हैं। मात्रक को u से प्रदर्शित किया जाता है।

या किसी भौतिक राशि का सर्वमान्य मानक जिसका उपयोग किसी भौतिक की तुलना के लिए किया जाता है, उस राशि का मात्रक कहलाता है। 

Note - किसी भौतिक राशि की माप को मात्रक के आगे एक संख्या लिखकर व्यक्त किया जाता है।

किसी भौतिक राशि की मात्रक से तुलना करने की प्रक्रिया को मापन कहते हैं। अर्थात मापन एक तुलनात्मक विधि है। 

मापन से संबंधित महत्व पूर्ण तथ्य 

(i) मात्रक -  

वह सर्वमान्य मानक जिसका उपयोग किसी भौतिक की तुलना के लिए किया जाता है, उस राशि का मात्रक कहलाता है।

जैसे - लम्बाई का मात्रक मीटर, द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम होता है।

(ii) आंकिक मान (Numerical Value) - 

यह एक शुद्ध संख्या है जो प्रदर्शित करती है कि कोई मात्रक उस भौतिक राशि में कितनी बार शामिल है। इसे भौतिक राशि का परिमाण भी कहते हैं।

आंकिक मान (n) = मापी जाने वाली भौतिक राशि का परिमाण (q)/ मापन के मात्रक का परिमाण (u) 

n<1/ u 

किसी भौतिक राशि को मापने के लिए चुने गए मात्रक का परिमाण बड़ा होने पर आंकिक मान कम तथा मात्रक का परिमाण छोटा होने पर आंकिक मान अधिक होता है।

मात्रक की विशेषताएं 

(i) मात्रक स्पष्ट रूप से परिभाषित होना चाहिए। 

(ii) यह उचित आकार का होना चाहिए।

(iii) मात्रक के परिमाण पर समय और स्थान का कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।

(iv) मात्रक सरलता से निर्मित किया जाने योग्य होना चाहिए।

(v) मात्रक पर भौतिक कारकों जैसे ताप, दाब आदि का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।

(vi) मात्रक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वमान्य होना चाहिए।

मात्रकों के प्रकार - 

मात्रक दो प्रकार के होते हैं। 

(i) मूल मात्रक 

(ii) व्युत्पन्न मात्रक 

(i) मूल मात्रक ( Fundamental Units) 

मूल राशियों के मात्रकों को मूल मात्रक कहते हैं। वे मात्रक जो एक दूसरे से स्वतंत्र होते हैं अर्थात एक दूसरे के पदों में नहीं बदले जा सकते हैं तथा जिनका एक दूसरे से कोई सम्बन्ध नहीं होता है, मूल मात्रक कहलाते हैं। 

जैसे - लम्बाई, द्रव्यमान, समय, आदि के मात्रक।

Note - SI प्रणाली में कुल 7 मूल मात्रक होते हैं।

(ii) व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units) - 

व्युत्पन्न राशियों के मात्रकों को व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं। वे मात्रक जो एक दूसरे से स्वतंत्र नहीं होते हैं तथा जो मूल मात्रकों से ही प्राप्त किए जाते हैं, व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं। ये एक दूसरे के पदों में बदले जा सकते हैं और ये एक दूसरे से संबंधित होते हैं।

जैसे - क्षेत्रफल, आयतन, घनत्व, चाल, त्वरण, बल, कार्य आदि के मात्रक।

Note -  व्युत्पन्न मात्रकों की संख्या असीमित होती है।

मूल तथा व्युत्पन्न मात्रकों में अन्तर 

1 ये परस्पर स्वतन्त्र होते हैं। 2 इन्हें स्वतन्त्र रूप से परिभाषित किया जा सकता है। 3 SI प्रणाली में मूल मात्रकों की संख्या 7 है।

1 ये परस्पर स्वतन्त्र नहीं होते हैं। इन्हें मूल मात्रकों के पदों में व्यक्त किया जाता है। 2 इन्हें केवल मूल मात्रकों की सहायता से ही परिभाषित किया जा सकता है। 3 व्युत्पन्न मात्रकों की संख्या असीमित होती है।

मात्रकों की पद्धतियां/ प्रणालियां 

मूल मात्रकों तथा व्युत्पन्न मात्रकों के सम्पूर्ण समुच्चय को मात्रकों पद्धति/ प्रणाली कहते हैं। अब से पूर्व मात्रकों की तीन (3) प्रणालियां प्रचलन में थीं।

(1) CGS पद्धति 

(2) MKS पद्धति 

(3) FPS पद्धति  

(1) CGS पद्धति/ प्रणाली 

इस प्रणाली में लम्बाई का मात्रक सेंटीमीटर, द्रव्यमान का मात्रक ग्राम तथा समय का मात्रक सेकेंड होता है। इस प्रणाली को गासीय प्रणाली भी कहते हैं।

(2) MKS पद्धति/ प्रणाली 

इस प्रणाली में लम्बाई का मात्रक मीटर, द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम तथा समय का मात्रक सेकेंड होता है। यह प्रणाली को जॉर्जी प्रणाली भी कहलाती है।

(3) FPS पद्धति/ प्रणाली   

इस प्रणाली में लम्बाई का मात्रक फुट, द्रव्यमान का मात्रक पाउंड तथा समय का मात्रक सेकेंड होता है। इस प्रणाली को गासीय प्रणाली भी कहा जाता है।

मात्रकों की अन्तर्राष्ट्रीय प्रणाली (International System of Units) : SI प्रणाली  

SI प्रणाली, CGS प्रणाली और MKS प्रणाली का एक आधुनिक एवं विस्तारित रूप है। यह प्रणाली विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की सभी शाखाओं को कवर करती है। इस प्रणाली में कुल 7 मूल राशियां तथा 2 पूरक राशियां होती हैं।

SI प्रणाली की विशेषताएँ :-

(1) SI प्रणाली में एक भौतिक राशि का एक ही मात्रक होता है। जैसे लम्बाई का मात्रक मीटर एक

(2) ST प्रणाली गणना में सुविधाजनक एवं गणना में आसान है क्योंकि इसमें बड़ी व छोटी राशियों को 10 की घात के रूप में व्यक्त किया जाता है। जैसे इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान - 9.1 × 10- 31 किग्रा व सूर्य का द्रव्यमान - 2 × 10 30 होता है।

(3) इसमें सभी व्युत्पन्न राशियों को 7 मूल मात्रकों तथा 2 पूरक मात्रकों के पदों में व्यक्त किया जा सकता है।

(4) SI पद्धति में लगभग सभी व्युत्पन्न राशियों के मात्रक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वमान्य है।

कुछ सामान्य व्यावहारिक मात्रक ( Some Common Prectical Units) 

मूल मात्रकों और पूरक मात्रकों के अतिरिक्त विशिष्ट क्षेत्रों में कुछ अन्य मात्रकों की आवश्यकता होती है, इन्हें व्यावहारिक मात्रक कहते हैं। 

लम्बाई के मात्रक (Units of Length) 

लम्बाई के छोटे मात्रक (Small units of Length) - 

(i) सेंटीमीटर (cm) - 1 मानक मीटर के 100वें भाग को 1 सेंटीमीटर कहते हैं। सेंटीमीटर को cm से प्रदर्शित किया जाता है। 

1 सेमी = 1/100 मीटर = 10 - 2 मीटर 

या 1 मीटर = 10^2 सेमी = 100 सेमी 

(ii) मिलीमीटर (mm) - 1 मानक मीटर के 1000वें भाग को 1 मिलीमीटर कहते हैं। मिलीमीटर को mm से प्रदर्शित किया जाता है।  

1 मिमी = 1/1000 मीटर = 10 - 3 मीटर 

या 1 मीटर = 10^3 मिमी = 1000 मिमी q 

(iii) माइक्रोन - 1 मानक मीटर के 10 लाख वें भाग को 1 माइक्रोन कहते हैं। 

1 माइक्रोन = 1/1000000 मीटर = 1/10^6 मीटर= 10^(-6) मीटर 

या 1 मीटर = 10^6 माइक्रोन 

(iv) ऐगेस्ट्रोम (A) - 1 माइक्रोन के 10 हजारहवें भाग को अथवा 1 मीटर के 10 अरबवें भाग को 1 ऐगेस्ट्रोम कहते हैं। इसे A से प्रदर्शित करते हैं।

1 ऐगेस्ट्रोम = 1/10000 माइक्रोन =  1/10^4 माइक्रोन =  10^(-4) माइक्रोन = 10^(-4) × 10^(-6) मीटर = 10^(-10) मीटर 

या 1 मीटर = 10^10 ऐगेस्ट्रोम 

लम्बाई के बड़े मात्रक (Large units of Length) - 

(i) किलोमीटर (km) - 1 मानक मीटर के 1000 गुना दूरी को 1 किलोमीटर कहते हैं। किलोमीटर को km से प्रदर्शित किया जाता है। 

1 किलोमीटर = 1000 मीटर = 10^3 मीटर 

(ii) मील - 1 मानक मीटर के 1604 गुना दूरी को 1 मील कहते हैं।  

1 मील = 1604 मीटर =  1604/1000 km = 1.6 km

(iii) खगोलीय मात्रक - सूर्य से पृथ्वी तक की माध्य दूरी को खगोलीय मात्रक कहते हैं। 

1 खगोलीय मात्रक = 1.4960 ×  10^11 मीटर =  1604/1000 km = 1.6 km

(iv) प्रकाश वर्ष - प्रकाश द्वारा 1 वर्ष में निर्वात में चली गई दूरी को 1 प्रकाश वर्ष कहते हैं। 

1 प्रकाश वर्ष = निर्वात में प्रकाश की चाल × एक वर्ष में कुल सेकेंड 

1 प्रकाश वर्ष = 3 × 10^8 × (365 ×24 × 60 × 60) = 9.45 × 10^15 मीटर 

(2) द्रव्यमान के मात्रक ( Units of Mass) 

द्रव्यमान के छोटे मात्रक 


(i) ग्राम (g) - 1 मानक किलोग्राम के 1000 वें भाग को 1 ग्राम कहते हैं।


1 ग्राम = 1/1000 किग्रा = 1/10^3 किग्रा = 10^(-3) किग्रा 

या 1 किलोग्राम = 1000 ग्राम = 10^3 ग्राम


(ii) मिलीग्राम - 1 मानक किलोग्राम के 10 लाख वें भाग को 1 मिलीग्राम कहते हैं।


1 मिलीग्राम = 1/1000000 किग्रा = 1/10^6 किग्रा = 10^(-6) किग्रा 

या 1 किलोग्राम = 10^6 मिलीग्राम 

तथा 1 ग्राम = 10^3 मिलीग्राम 


(iii) कैरट - 1 मानक किलोग्राम के 5000 वें भाग को 1 कैरट कहते हैं।


1 कैरट = 1/5000 किग्रा = 1/5 × 10^3 किग्रा = 1/5 × 10^(-3) किग्रा = 10/5 × 10^(- 4) किग्रा = 2 × 10^(- 4) किग्रा 


1 कैरट = 2 × (100/100)× 10^(- 4) kg = 200 × 10^(- 2) × 10^(- 4) = 200 × 10^(- 6)


(iv) परमाणु द्रव्यमान मात्रक ( Atomic Mass Unit) -  कार्बन परमाणु के द्रव्यमान के 12वें भाग को 1 परमाणु द्रव्यमान मात्रक (a.m.u) कहते हैं। 


इसका उपयोग इलेक्ट्रॉन, प्रोट्रान, न्यूट्रॉन आदि के द्रव्यमान को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।


1 a.m.u. = 1.66 × 10^(- 27) किग्रा 


(2) द्रव्यमान के बड़े मात्रक - 


(i) 1 क्विंटल = 100 किग्रा = 10^2 किग्रा 

(ii) 1 टन या मीट्रिक टन = 1000 किग्रा = 10^3 किग्रा

(iii) 1 स्लग = 14.59 किग्रा 


(3) समय के मात्रक 

समय के छोटे मात्रक 


(i) मिलीसेकेंड - 1 मानक सेकेंड समय का 1000वें भाग को 1 मिलीसेकेंड कहते हैं। 


1 मिलीसेकेंड = 1/1000 सेकेंड= 


~ End ~ 

 

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